मुल्क का असली सपना
भिंड निवासी
हमीत वारसी भोपाल नगर जनसंघ के संगठन मंत्री थे | वे कारागार में बहुत बीमार हो
गये थे | उन्होंने अपने मित्रो को जो पत्र लिखे , उन पत्रों से दूसरा अंश यहाँ दिया
जा रहा है |
उनके पत्र के अनुसार जेल में जिंदगी के लाभ ही लाभ था | विभिन्न विचारधाराए और मत होने के बावजूद , ऐसा लगता कि वे लोग राष्ट्रीय परिवार में रहकर आनंद उठा रहे थे | संघ के संकल्प तथा भावनाओ ने उन सभी को एक सूत्र में बाँध दिया था | कुछ कर गुजरने और हर चीज को ग्रहण करने की क्षमता भी इनमे थी |
अतः संघ जैसी जमीन के लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी का सौदा भी महँगा नही था और उनकी नज़रो में मुल्क का असली सपना संघ ही था यह भी उनके पत्र में लिखा था |
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