Tuesday, 3 December 2024

मराठी साहित्यकारों को राम शेवालकर जी ने पत्र लिखा

 उपाधियाँ लौटाये

एक विशेष कारण से यह पत्र राम शेवालकर ने 24 / 06 / 1976 के दिन मराठी साहित्यकारों को लिखा |

घटनात्मक मूलभूत स्वातंत्र्य के अपहरण को हुए 23 जून को एक वर्ष पूर्ण हो गया था , तथा ये स्वातंत्र्य फिर से निरपराध सामान्य जनता को प्राप्त होगा , ऐसा लग नही रहा था | ‘मीसा’ में जो संशोधन किया गया उससे आशा निराशा में बदल गयी थी | एक वर्ष तक जनता को घुटन का अनुभव करना पड़ा था |

राम शेवालकर जी ने दो बातो का प्रस्ताव रखा पहली , शासन के साथ सविनय कर शासकीय या अर्धशासकीय समिति के पद एवं सदस्यता से त्याग पत्र देना और दूसरी केंद्र अथवा राज्य शासन की ओर से कोई सम्मान – निदर्शक उपाधि का खेदपूर्वक परित्याग करना और साहित्यसेवी जनो से उसका अहिंसक निषेध करने की भी प्रार्थना की थी |

उन्हें आशा थी कि अधिकांश साहित्यकार इन दो बातो पर अमल करेगे और यदि वाड्मयोपासक एक साथ एक ही पत्रक पर हस्ताक्षर करेगे और भेजेगे तो वह अधिक परिणामकारक होगा | शायद वह सत्ता पर परिणाम न करे परुन्तु वह सालभर से मृतवत् सोये हुए मन में अवश्य प्रेरणा भरेगा और चैतान्यदायी प्रभाव करेगा |

 

 

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