वनवास समाप्त हुआ
व्यंकटेश शानभाग
ने बेलगाँव कारागार से 06 / 03 / 1977 को अपनी छोटी बहिन सुलोचना को कैसा काव्यमय
पत्र लिखा था , देखिये |
शंखध्वनि गूँज
उठी | धर्मयुद्ध की घोषणा हुई | विभीषण राम के पक्ष में आ गया था | सेतु बाँधा गया
था | अब थोड़े ही दिनों में राम रावण युद्ध होगा और शीघ्र ही उनका वनवास समाप्त
होगा ऐसा उनका मानना था |
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