गर्दन ना झुके
डा. मुल्ये इंदौर
( म.प्र ) संघ के कार्यकर्ता थे | वे मीसा के अंतर्गत बंदी थे | उनके कुछ हितचिंतको
ने उन्हें मुक्त कराने का प्रयास किया | शर्त केवल यही थी कि डॉक्टर साहब बीस सूत्री
कार्यक्रम का सौम्य समर्थन लिख दे |
यह सूचना मिलने
पर डा.मुल्ये की पत्नी ने जेल में बंद अपने पति को लिखा था कि उन्हें आशा थी कि वे
ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे गर्दन नीची हो | वे हर तरह का कष्ट सहेंगे पर यह नही चाहेंगे
कि वे उनकी खातिर उनके ऊपर कोई कलंक लगवाये |
No comments:
Post a Comment