Tuesday, 3 December 2024

स्वयं सेवकों के पत्र : देवरसजी द्वारा कुशाभाऊ ठाकरे को पत्र

 दृढ़ता रखे , सामर्थ्य बढाये

यह पत्र देवरसजी ने येरवडा ( यरवदा ) , पूना से 23 / 04 / 1976 के दिन कुशाभाऊ ठाकरे को पत्र लिखा |

उन्होंने लिखा कि वहा मध्यप्रदेश के अनेक प्रमुख लोग थे | ठीक से विचार – मानधन होकर भविष्य के बारे में सारा विचार होगा , ऐसी अपेक्षा थी | यद्यपि उस समय संकटावस्था थी , फिर भी इसमें से निकलने के उपरांत , नये जोश से , दुगने उत्साह से , ताबड़तोड़ काम में जुटना चाहिए |

उन्होंने अपने पत्र में दो श्लोक भी उल्लेखित किये :-

केला जरी पोत बल्केची खाले |

ज्वाला तरी ते वरती उफाले |

अर्थात् मशाल को जबरदस्ती नीचे करने पर भी उसकी ज्वाला ऊपर की ओर ही भभक उठती है | वैसा ही कार्यकर्ता का स्वभाव होना चाहिए |


 आकाशिच्या कु – हाडी आमुछया पडोत |

आघात सोसण्याचे सामर्थ्य मात्र द्यावे |

अर्थात् हमारे सिर पर आकाश से कुल्हाड़ियो की वर्षा क्यों न हो , उसकी हमें चिंता नहीं है | बस वह आघात सहन करने का सामर्थ्य हमें प्रदान करो | ऐसी हमारी तैयारी रहनी चाहिए |  

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