महारानी इंदिरा का भव्य स्वागत
“ श्रीमती
इंदिरा गाँधी 24 अक्टूम्बर को अजमेर आएंगे , उनका भव्य स्वागत किया जाएगा और
मार्ग में गुलाब के फूल बिछाए जायेंगे “ यह खबर पढ़कर मधु जी ने श्रीमती गाँधी को
पत्र लिखा |
उन्होंने अपने
पत्र में आशंका जताते हुए लिखा कि जब मुगले आज़म ने अजमेर का सफ़र चिलचिलाती धुप में
नंगे पाँव किया और अग्रेंजो के बड़े लाट साहब के लिए भी ऐसा स्वागत नही हुआ तो देश की दो – तिहाई कंगाल जनता की नेता श्रीमती
गाँधी की शान का इतना अभद्र प्रदर्शन क्यों ?
उनका मानना था
कि श्रीमती गाँधी और उनके सहयोगियों की गुलाब बिछी सड़क पर शोभायात्रा की कल्पना भी श्रीमती गाँधी को अच्छी नही लगेंगी क्युकि फूलो को पौधो पर देख मन प्रसन्न होता है
, त्यागी उन्हें देवताओ पर चढ़ाते है , फूलदानी पर वे अच्छे लगते है और हमारे यहा
औरते भी फूलो से अपनी – अपनी चोटी को सुशोभित करती है |
अंत में उन्होंने
भगवान से प्रार्थना करते हुए लिखा कि श्रीमती गाँधी को ऐसे चापलूसों से भगवान बचाए रखने की कृपा करे |
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